Saturday, August 31, 2013

गीतों की बहार 3 - वादा

गीतों की बहार 3

सीजी रेडि‍यो के श्रोताओं से वादे की बातें.......गीतों के साथ.....
और साथ में हैं हमारी एंकर पद्मामणि
                     
                     



Sunday, August 18, 2013

गुलज़ार......आज के दौर के गीतकार......

ग़ुलज़ार नाम से प्रसिद्ध सम्पूर्ण सिंह कालरा (जन्म-१८ अगस्त, १९३६) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी रचनाए मुख्यतः हिन्दीउर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषाखङी बोली , मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होने रचनाये की । गुलजार को वर्ष २००२ मे सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष २००४ मे भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ मे डैनी बॉयलनिर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर मे उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। गुलज़ार का जन्म अविभाजित भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, १८ अगस्त १९३६ को हुआ था। गुलज़ार अपने पिता की दूसरी पत्नी की इकलौती संतान हैं। उनकी माँ उन्हें बचपन मे ही छोङ कर चल बसीं। माँ के आँचल की छाँव और पिता का दुलार भी नहीं मिला। वह नौ भाई-बहन में चौथे नंबर पर थे। बंट्वारे के बाद उनका परिवार अमृतसर (पंजाब , भारत) आकर बस गया, वहीं गुलज़ार साहब मुंबई चले गये। वर्ली के एक गेरेज में वे बतौर मेकेनिक काम करने लगे और खाली समय में कवितायें लिखने लगे। फ़िल्म इंडस्ट्री में उन्होंने बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी, और हेमंत कुमार के सहायक के तौर पर काम शुरू किया. बिमल राय की फ़िल्म बंदनी के लिए गुलज़ार ने अपना पहला गीत लिखा। गुलज़ार त्रिवेणी छ्न्द के सृजक हैं । 
                                              

प्रमुख किताबें       चौरस रात (लघु कथाएँ, 1962)     जानम (कविता संग्रह, 1963)    एक बूँद चाँद (कविताएँ, 1972)                                                 रावी पार (कथा संग्रह, 1997)      रात, चाँद और मैं (2002)    रात पश्मीने की      खराशें (2003)

बतौर निर्देशक 

फ़िल्म में गुलजार ने बतौर निर्देशक अपना सफर १९७१ में मेरे अपने से शुरू किया। १९७२ में आयी संजीव कुमार और जया भादुङी अभिनीत फिल्म कोशिश जो एक गूंगे बहरे दम्पति के जीवन पर आधारित कहानी थी, ने आलोचकों को भी हैरान कर दिया। इसके बाद गुलजार ने संजीव कुमार के साथ आंधी(१९७५), मौसम(1975), अंगूर(१९८१) और नमकीन(१९८२) जैसी फिल्मे निर्देशित की।

मेरे अपने (1971)    परिचय (1972)     कोशिश (1972)    अचानक (1973)    खुशबू (1974)   आँधी (1975)     मौसम (1976)       किनारा (1977)      किताब (1978)      अंगूर (1980)       मकीन (1981)     मीरा (1979)     इजाजत (1986)    लेकिन (1990)      लिबास (1993)       माचिस (1996)     हु तू तू (1999)

गीतकार के रूप मे      ओमकारा      रेनकोट    पिंजर      दिल से        आँधी       दूसरी सीता         इजाजत

अन्य फिल्म निर्माण भूमिका      आँधी (1975) - पटकथा, संवाद                   मीरा (1979) - पटकथा, संवाद

पुरस्कार और सम्मान

फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ गीतकार - १९७७, १९७९, १९८०, १९८३, १९८८, १९८८, १९९१, १९९८, २००२, २००५

पद्मभूषण -  गुलज़ार को भारत सरकार द्वारा सन २००४ में कला क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 

Thursday, August 15, 2013

स्‍वतंत्रता संग्राम में महि‍लाओं की भूमि‍का - भाग 2

                        15 अगस्‍त पर सीजी रेडि‍यो की वि‍शेष प्रस्‍तुति



                                            
आलेख व स्‍वर - मीनू सिंह
प्रस्‍तुति‍ - संज्ञा टंडन

Wednesday, August 14, 2013

स्‍वतंत्रता संग्राम में महि‍लाओं की भूमि‍का - भाग 1

15 अगस्‍त पर सीजी रेडि‍यो की वि‍शेष प्रस्‍तुति-


                            



आलेख व स्‍वर - मीनू सिंह
प्रस्‍तुति‍ - संज्ञा टंडन  

Tuesday, August 6, 2013

हरेली की शुभकामनाएं


सीजी रेडि‍यो की तरफ से आप सभी को
 छत्‍तीसगढ़ के लोकपर्व हरेली की शुभकामनाएं



हरेली के अवसर पर ब्‍लॉगर ललि‍त शर्मा की एक पुरानी पोस्‍ट का श्‍वेता पांडे के स्‍वर में पाठन.....

हरेली अमावस और जादू-टोना की रात ---- ललित शर्मा




प्रस्‍तुति‍ - संज्ञा टंडन

Monday, August 5, 2013

बैरागी चित्तौड़ - तीसरी कड़ी

सीजी रेडियो पर सुनिए राजस्थान के प्रसिद्ध लेखक "तन सिंह जी" की रचना "बैरागी चित्तौड़"। इसका धारावाहिक प्रसारण किया जा रहा है, इसे स्वर दिया है संज्ञा टंडन जी ने। 





प्रस्तुतकर्ता - ललित शर्मा 

Sunday, August 4, 2013

बैरागी चित्तौड़ - दूसरी कड़ी

सीजी रेडियो पर सुनिए राजस्थान के प्रसिद्ध लेखक "तन सिंह जी" की रचना "बैरागी चित्तौड़"। इसका धारावाहिक प्रसारण किया जा रहा है। प्रस्तुत है बैरागी चित्तौड़ की पहली किश्त । इसे स्वर दिया है संज्ञा टंडन जी ने। 





प्रस्तुतकर्ता - ललित शर्मा  

Saturday, August 3, 2013

बैरागी चित्तौड़ - पहली कड़ी

सीजी रेडियो पर सुनिए राजस्थान के प्रसिद्ध लेखक "तन सिंह जी" की रचना "बैरागी चित्तौड़"। इसका धारावाहिक प्रसारण किया जा रहा है। प्रस्तुत है बैरागी चित्तौड़ की पहली किश्त । इसे स्वर दिया है संज्ञा टंडन जी ने। 





प्रस्तुतकर्ता - ललित शर्मा  

Friday, August 2, 2013

लेखक तन सिंह जी के विचार - "बैरागी चित्तौड़"

सीजी रेडियो पर सुनिए राजस्थान के प्रसिद्ध लेखक "तन सिंह जी" की रचना "बैरागी चित्तौड़"। इसका धारावाहिक प्रसारण किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रस्तुत है होनहार के खेल पुस्तक के विषय में स्वयम लेखक तन सिंह जी के विचार। इसे स्वर दिया है संज्ञा टंडन जी ने।






 प्रस्तुतकर्ता - ललित शर्मा  

Wednesday, July 31, 2013

सीजी रेडियो पर … बैरागी चित्तौड़

सीजी रेडियो पर सुनिए राजस्थान के प्रसिद्ध लेखक "तन सिंह जी" की रचना "बैरागी चित्तौड़"। इसका धारावाहिक प्रसारण किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रस्तुत है तन सिंह जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की जानकारी सौभाग्य सिंह जी के शब्दों में प्रस्तुत किया जा रहा है। इसे स्वर दिया है संज्ञा टंडन जी ने।






प्रस्तुतकर्ता …… ललित शर्मा
रेडियो सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें।

Thursday, July 25, 2013

आओ सावन,आओ सावन.....


वीरान जिंदगी का गुलशन,अब गीत प्यार का गाओ सावन.
                                                                आओ सावन,आओ सावन.

अलबेली सी अनजानी सी.फिरती है बस दीवानी सी.
आतुर हिय राह निहार रहा.मन पिय को रोज पुकार रहा.
इस बिरह में जलते तन मन को तुम बरसो और बुझाओ सावन
 आओ सावन,आओ सावन.

कलिओं पर चढ़ा शबाब यहाँ.हैं खिलने को बेताब यहाँ.
मडराते भ्रमर कुमुदिनी पर.मन मोहित हुआ कमलिनी पर.
भरकर फूलों को खुशबू से,इस आलम को महकाओ सावन.
 आओ सावन,आओ सावन.

खोई है सोच विचारों में.दुल्हन सोलह श्रृंगारों में.
दो नयन कर रहे दीवाना.लव जैसे कोई मयखाना.
अधरों को अधरों पर रख कर,तुम सारा रस पी जाओ सावन.
 आओ सावन,आओ सावन.

पनघट पर नयी नवेली हो,सखियाँ करती हठखेली हो.
झूले पड़ जाएँ गावों में.छनके पायल हर पावों में.
तुम सब के मन के मीत बनो,हर नज़रों को बस भाओ सावन.
 आओ सावन,आओ सावन.

जय सिंह "गगन"
                        


Saturday, July 13, 2013

हमारे शेर खान प्राण साहब

जन्म प्राण कृष्ण सिकन्द 12 फ़रवरी 1920                                                     मृत्यु 12 जुलाई 2013 (उम्र 93)
                    वो आवाज़ का जादू या गर्मी हो लहजे की, वो अन्दाज़ निराला हो या चमक हो चेहरे की।
                    हम किसको करेँ याद और किसको भुलाएँ, तुम्हेँ देखते हैँ जितना , उतना तुम्हेँ चाहेँ
                    हर बात तुम्हारी यूँ औरोँ से है जुदा, जैसे फ़लक पे चाँद सितारोँ से है जुदा
                    हैँ आज भी दुनिया मेँ फ़नकार बहुत अच्छे, आगे तुम्हारे लगते हैँ लेकिन सभी बच्चे
                    आज बस जिस्म के चर्चे हैँ जान नहीँ है, सब कुछ है सिनेमा मेँ मगर 'प्राण' नहीँ है
                    यूँ ही सदा हँसते रहो न तुम्हेँ हो कभी ग़म, है दुआ हमारे बीच रहो ऐसे ही तुम हर दम। 
                                                                                           आयुष चि‍राग

अपने उर्वर अभिनय काल के दौरान उन्होंने 350 से अधिक फ़िल्मों में काम किया। उन्होंने खानदान (1942), पिलपिली साहेब (1954) और हलकू (1956) जैसी फ़िल्मों में मुख्य अभिनेता की भूमिका निभायी। उनका सर्वश्रेष्ठ अभिनय मधुमति (1958), जिस देश में गंगा बहती है (1960), उपकार (1967), शहीद (1965), आँसू बन गये फूल (1969), जॉनी मेरा नाम (1970), विक्टोरिया नम्बर २०३ (1972), बे-ईमान (1972), ज़ंजीर (1973), डॉन (1978) और दुनिया (1984) फ़िल्मों में माना जाता है।
प्राण ने अपने करियर के दौरान विभिन्न पुरस्कार और सम्मान अपने नाम किये। उन्होंने 1967, 1969 और 1972 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार और 1997 में फिल्मफेयर लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड जीता। उन्हें सन् 2000 में स्टारडस्ट द्वारा 'मिलेनियम के खलनायक' द्वारा पुरस्कृत किया गया। 2001 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया और भारतीय सिनेमा में य्प्गदान के लिए 2013 में दादा साहब फाल्के सम्मान से नवाजा गया। 2010 में, सीएनएन कीसर्वोपरी 25 सर्वकालिक एशियाई अभिनेताओं (Top 25 Asian actors of all time) की सूची में चुना गया।
12 फरवरी 1920 को दिल्ली में पैदा हुये प्राण ने सैकड़ों फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाई हैं. प्राण के पिता लाला केवल कृष्ण सिकंद एक सरकारी ठेकेदार थे, जो आम तौर पर सड़क और पुल का निर्माण करते थे. देहरादून के पास कलसी पुल उनका ही बनाया हुआ है. अपने काम के सिलसिले में इधर-उधर रहने वाले लाला केवल कृष्ण सिकंद के बेटे प्राण की शिक्षा कपूरथला, उन्नाव, मेरठ, देहरादून और रामपुर में हुई.
बतौर फोटोग्राफर लाहौर में अपना करियर शुरु करने वाले प्राण को 1940 में ‘यमला जट’ नामक फिल्म में पहली बार काम करने का अवसर मिला. उसके बाद तो प्राण ने फिर पलट कर नहीं देखा.

रविवार के अनुसार उन्होंने लगभग 400 फिल्मों में काम किया. एक तरफ उनके नाम ‘राम और श्याम’ के खलनायक की ऐसी तस्वीर रही है, जिससे लोगों ने परदे के बाहर भी घृणा शुरु कर दी थी, वहीं उनके नाम ‘उपकार’ के मंगल चाचा की भूमिका भी है, जिसे दर्शकों का बेइंतहा प्यार और सम्मान मिला. 1968 में उपकार, 1970 आँसू बन गये फूल और 1973 में प्राण को बेईमान फिल्म में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिये फिल्म फेयर अवार्ड दिया गया. इसके बाद मिले सम्मान और अवार्ड की संख्या सैकड़ों में है.
1945 में शुक्ला से विवाहित प्राण भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद बेटे अरविंद, सुनील और एक बेटी पिंकी के साथ मुंबई आ गये. आज की तारीख में उनके परिवार में 5 पोते-पोतियां और 2 पड़पोते भी शामिल हैं. खेलों के प्रति प्राण का प्रेम भी जगजाहिर है. 50 के दशक में उनकी अपनी फुटबॉल टीम ‘डायनॉमोस फुटबाल क्लब’ बहुचर्चित रहा है.

प्राण पर फिल्माये गये गीत
1942 - खानदान - उड़ जा रे पंछी
1948 - गृहस्थी - तेरे नाज़ उठाने को जी चाहता है
1955 - मुनीमजी - दिल की उमंगें हैं जवां
1961 - जिस देष में गंगा बहती है - है आग हमारे सीने में
1962 - हाफ टिकट - आके सीधी लगी दिल पे तेरी कटरिया
1963 - दिल ही तो है - तुम किसी और को चाहोगी तो
1967 - उपकार - कसमे वादे प्या वफा सब
1969 - नन्हा फरिष्ता - बच्चे में है भगवान
1972 - विक्टोरिया नंगर 203 - दो बेचारे बिना सहारे
1972 - बेईमान - हम दो मस्त मलंग
1973 - ज़ंजीर - यारी है ईमान मेरा
1973 - धर्मा - राज की बात कह दूं तो
1973 - गद्दार - तू गद्दार सही
1974 - मजबूर - माइकल दारू पी के दंगा करता है
1974 - कसौटी - हम बोलेगा तो बोलोगे
1975 - जिंदादिल - शाम सुहानी आई खुषियां बनके
1975 - चोरी मेरा काम - मेरी नजर से बचा ना कोई
1976 - शंकर दादा - अमीरों वतन से गरीबी हटाओ
1981 - लेडीज टेलर - जा मेरी बहना


 

Saturday, June 8, 2013

संज्ञा टंडन जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई

संज्ञा टंडन जी को सीजी रेडियो की तरफ़ से जन्मदिन की हार्दिक बधाई और ढेर सारी शुभकामनायें .

तच्चक्षुर्देवहितं पुरस्ताच्छुक्रमुच्चरत्। 

पश्येम शरद: शतं जीवेम शरद: शतं श्रृणुयाम शरद: शतं प्र ब्रवाम शरद: शतम

दीना: स्याम शरद: शतं भूयश्च शरद: शतात्। 



Saturday, May 18, 2013

मेरे घर आई नन्‍ही परी

कि‍शोर दि‍वसे
 मेरे घर आई नन्‍ही परी


आलेख - कि‍शोर दि‍वसे
प्रस्‍तुति - श्‍वेता पाण्‍डेय

श्‍वेता पाण्‍डेय

      



Thursday, April 25, 2013

श्‍मशाद बेगम- फि‍ल्‍मों में पार्श्‍व गायन के शुरूवाती सफर की साथी

श्‍मशाद बेगम- 94 साल का साथ, अब न रहा हमारे साथ.....एक रेशमी-मखमली आवाज, जि‍सका सदि‍यों तक रहेगा साथ.....
जन्म14 अप्रैल 1919
अमृतसर, पंजाब, भारत
मृत्यु23 अप्रैल 2013 (उम्र 94)
मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
शैलीपार्श्व गायन
व्यवसायगायिका
सक्रिय वर्ष1934–1975

shamshad-begums-song-list-1961-1970
shamshad-begums-song-list-1971-1981                                                              


Wednesday, March 27, 2013

फागुन, बसन्‍त और होली- कुछ दुर्लभ रचनाएं

सीजी रेडि‍यो की ओर से सभी श्रोताओं को 

अंतरजाल पर फैली होली की हजारों पंक्‍ति‍यों में से 
हम छांटकर लाए हैं 
कुछ आपके लि‍ये 
और साथ में होली के कुछ दुर्लभ ऑडि‍यो अंश भी....

Tuesday, March 26, 2013

छत्‍तीसगढ़ी होली गीत

छत्‍तीसगढ़ की माटी की महक फागुन के महीने कैसी होती है
मुंबई में अपनी प्रति‍भा का जादू बि‍खेरते अंचल के कलाकार
अर्नब चटर्जी 






Monday, March 25, 2013

आयो है रे मस्त फ़गुनवा

कवि‍ता पॉडकास्‍ट

आयो है रे मस्त फ़गुनवा.....ललि‍त शर्मा की एक कवि‍ता उन्‍ही के स्‍वर में.....




Monday, March 18, 2013

छत्तीसगढ़ की वाचिक परम्परा में इतिहास और संस्कृति" विषय पर आयोजित सेमीनार



डॉ.रमेन्‍द्रनाथ मि‍श्र राहुल सिंह  



श्री राहुल सिंह जी का आधार व्‍यक्‍तव्‍य 


डॉ;सुशील त्रि‍वेदी का अभि‍भाषण


डॉ.रमेन्‍द्रनाथ मि‍श्र के वि‍चार 







Saturday, March 16, 2013

बसंत है छाया

ललि‍त शर्मा के ब्‍लॉग ललि‍त डॉट कॉम की पोस्‍ट बनन बागन में बगरो बसंत है का ऑडि‍यो रूपांतरण संज्ञा टंडन द्वारा



Thursday, March 14, 2013

संगीतकार एस.एन.त्रि‍पाठी 100वीं जन्‍मतिथि पर स्‍मरण

आज 14.03.13 है और इसी तारीख को 1913 में 
संगीतकार श्रीनाथ त्रि‍पाठी का जन्‍म हुआ था, 
हि‍न्‍दी फि‍ल्‍म जगत में उनके उल्‍लेखनीय योगदान के लि‍ये नमन 
और एक स्‍मरण सीजीरेडि‍यो की तरफ से...... 











·         Assistant Director
Duniya Ka Mela (1974)           
Pardes (1970)
·         Director
Sant Gyaneshwar (1982)       
Naag Champa (1976)             
Sati Sulochana (1969)            
Lahu Pukarega (1968)            
Nadirshah (1968)
Lav Kush (1967)                    
Maharaja Vikram (1965)        
Dev Kanya (1963)
Shiv Parvati (1962)                
Piya Milan Ki Aas (1961)      
Kanhaiya (1959)                    
Kavi Kalidas (1959)
Pakshiraj (1959)                     
Rani Rupmati (1959) 
·         Lyrics
·         Actor
Indrajeet (1991)                     
Shravan Kumar (1988)           
Subhadra Haran (1974)          
Shri Ganesh Mahima (1950)  
·         Music Director
Mahasati Tulsi (1985)            
Agent 1-2-3 (1983)                
Jai Ambe Maa (1981)
Sati Savitri (1981)                  
Jai Maha Kali (1979)              
Jai Ambe Maa (1977)
Jai Ganesh (1977)                  
Naag Champa (1976)             
Bal Mahabharat (1974)          
Naag Mere Saathi (1973)       
Veer Puran (1973)                  
Maya Bazar (1971)    
Veer Chhatrasal (1971)          
Koi Gulam Nahin (1970)       
Sati Sulochana (1969)            
Lahu Pukarega (1968)            
Nadirshah (1968)                   
Lav Kush (1967)
Kunwari (1966)                      
Shankar Khan (1966)             
Been Ka Jadoo (1963)                       
Cobra Girl (1963)                   
Dev Kanya (1963)
Pareeksha (1963)                    
Raja (1963)                            
Zingaro (1963)
)Jadugar Daku (1962)
Maya Jaal (1962)
Naagdevta (1962)                  
Sher Khan (1962)
Shiv Parvati (1962)                
Amrit Manthan (1961)           
Jadoo Nagri (1961)
Jai Chitchor (1961)                
Piya Milan Ki Aas (1961)      
Ram Leela (1961)
Chandra Mukhi (1960)          
Do Admi (1960)                    
Lal Qilla (1960)
                        Sinhaldweep Ki Sundari (1960)                                            
Bhakta Praglad (1959)           
Jagga Daku (1959)                 
Kavi Kalidas (1959)
Pakshiraj (1959)                     
Rani Rupmati (1959)             
Khuda Ka Banda (1957)       
Paristan (1957)                       
Bajrangbali (1956)                 
Delhi Durbar (1956)
Hatim Tai (1956)                    
Panna (1956)                          
Roop Kumari (1956)              
Sati Naag Kanya (1956)        
Inam (1955)                           
Ratna Manjari (1955)             
Durga Pooja (1954)                
Tilottama (1954)
Nav Durga (1953)                  
Laxmi Narayan (1951)           
Saudamini (1950)
Shri Ganesh Mahima (1950)  
Veer Ghatotkach (1949)        
Shri Rambhakta Hanuman (1948)     
Mansarovar (1946)     
Panihari (1946)
Uttara Abhimanyu (1946)                  
Adhar (1945)             
Bachpan (1945)
Ji-Han (1945)                                     
Ramayani (1945)        
Shararat (1944)
Panghat (1943)                                   
Chudiyan (1942)        
Sewa (1942)
Chandan (1941)
·         Producer
Sati Savitri (1981)                  
·         Story