Saturday, July 11, 2015

कहानि‍यां कहावतों की 1


कहावतें 
''कहावतें लोक जीवन के व्‍यापक अनुभवों को सामान्‍य शब्‍दों के माध्‍यम से व्‍यक्‍त करती हैं. 
वास्‍तव में कहावतें भाषा का श्रृंगार हैं, अत: आज के युग में इनका महत्‍व बहुत बढ़ गया है.'' 
श्रीशरण
कहावतें जन जीवन में बरसों-बरस से रची बसी चली आ रही हैं और आगे भी ये सि‍लसि‍ला नि‍रंतर जारी रहने वाला है. मनोरंजक, चुटीली, अर्थपूर्ण कहावतें आपकी लि‍खि‍त या मौखि‍क अभि‍व्‍यक्‍ति‍ को प्रभावशाली बना देती हैं और आपके वि‍चार भी वजनदार हो जाते हैं.

लोकगीतों की ही तरह लोक-साहि‍त्‍य में कहावतें, लोककथाएं, मुहावरे समाज में प्रचलि‍त हैं. लोकगायकों की तरह ही कहावतों को कहने वाले अपनी स्‍थानीय वि‍शेषताओं जैसे नाम, स्‍थान, धंधे, प्रकृति‍ आदि‍ के अनुसार कहावतों में परि‍वर्तन करते आए हैं. इसी कारण कि‍सी कि‍सी कहावत के एक से अधि‍क रूप और कथाएं मि‍लती हैं, लेकि‍न कहावत का मूल आशय एक ही रहा है, जो कभी बदला नहीं. एक बात और कहावतों के बारे में यह नि‍श्‍ि‍चत नहीं कहा जा सकता कि‍ एक कहावत कि‍सी समय में अमुक व्‍यक्‍ति‍ ने बनाई या कही या कोई कहावत बनने का कारण अमुक रहा, या कि‍सी कहावत की कहानी, कथा या वृतांत अमुक हैं. कुछ कहावतों में ऐति‍हासक घटनाओं या पात्रों का उल्‍लेख मि‍लता है, लेकि‍न वे घटनाएं कहावतें कब बनीं, इसके प्रामाणि‍क आधार नहीं मि‍लते हैं.

रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग की जाने वाली चुनिंदा कहावतों की रोचक कहानि‍यां अब सुनि‍ये सीजी रेडि‍यो पर...

1. चोर की दाढ़ी में ति‍नका
                 

वाचक स्‍वर - श्‍वेता पाण्‍डेय

Thursday, July 9, 2015

छत्तीसगढ़ की लोक कथा-धरती की बेटी

छत्तीसगढ़ की लोक कथाओं का संकलन प्रकाश मनु और डॉ.सुनीता द्वारा पुस्तक के रूप में किया गया  है. 
इसकी कुछ कहानियां ऑडियो रूप में आपके लिए प्रस्तुत कर रही हैं तूलिका....
सुनिए ये कहानी 
धरती की बेटी 

                      

        और बताइए  कैसा लगा हमारा ये प्रयास...  

तूलिका नीरज, बिलासपुर