मकर संक्राति के अवसर पर पतंग की बातों के साथ गीतों का झरोखा
पतंगें उडती हैं हमारे सपनों से भी उंची और इससे डोर बंधी होती है
हमारी इच्छाओं, आकांक्षाओं से भी से भी ज्यादा मजबूत...
आपकी इच्छाएं और सपने हकीकत में तब्दील हों, बहुत उंचाइयों तक नाम पहुंचे...
सीजी रेडियो की कामना....इस मकरसंक्रांति पर आपके लिये......
प्रस्तुति - संज्ञा टंडन
रामचरित मानस में महाकवि तुलसीदास ने बालकांड उल्लेख किया है,
उस वक्त का जब श्रीराम ने अपने भाइयों के साथ पतंग उड़ाई थी।
राम इक दिन चंग उड़ाई। इंद्रलोक में पहुँची जाई॥
जासु चंग अस सुन्दरताई। सो पुरुष जग में अधिकाई॥
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2 comments:
बहुत सुन्दर... पूरी सी जी रेडियो टीम को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें....
सुदर प्रस्तुति …… पतंग से पतंगा तक। मकर संक्रांति की शुभकामनाएं
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