संविधान केवल कानून का ग्रंथ नहीं, वह राष्ट्र की आत्मा का शास्त्र है : बी.
एन. राव
-
भारतीय संविधान की नींव में केवल विधिक प्रावधानों की ईंटें नहीं हैं, बल्कि
वह सनातन की सांस्कृतिक चेतना, नैतिक समरसता,
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment