घर के दो बच्चे एक से तो नहीं हो सकते ना....कोई मेधावी तो कोई कमजोर,
एक नटखट तो दूसरा गंभीर....
बहुत सी बातें जिम्मेदार हो सकती हैं एक ही घर के
दो बच्चों के व्यवहार को अलग अलग बनाने में....
लेकिन क्या मां बाप को इन दो बच्चों में अंतर करना चाहिये...
पिता और पुत्र के अनकहे से संबंधों पर आधारित
रमा शेखर की रचना दीप्ति सक्सेना के स्वर में सुनिये
सीजी रेडियो पर....
4 comments:
शानदार ! मधुर आवाज में सुनकर मजा आ गया !!
Chhota Hi Sahi Parantu Apana Ho....Prabhu Krupa....Rula Diya...Bahut Heart Touching....Thnx...to All...
ह्रदय स्पर्शी कहानी, ईश्वर ऐसा नालायक बेटा सबको दे... Thanks to all CG Radio team....
सच बात है पैसा प्यार की जगह कभी नहीं ले सकता सकता... दीप्ती जी की सुमधुर आवाज़ और अंदाज़ बहुत अच्छा लगा... शुक्रिया
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