अर्जुनी में भावुक श्रद्धा के साथ हुआ जोत जवारा का विसर्जन
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अर्जुनी में चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन जोत जवारा का विसर्जन श्रद्धा और
उल्लास के साथ किया गया। महिलाएं सफेद वस्त्र पहनकर पारंपरिक मांदर की धुन पर
नाचते-गा...
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4 comments:
Badhai.
स्व.तनसिंह जी की लेखनी को शब्द देने के लिए संज्ञा टंडन जी का हार्दिक आभार
..बैरागी चित्तोड़ एक कालजयी रचना है ...ह्यदय कि तीक्षणता को लेखनी के रूप में उतार दिया पूज्य तन सिंह जी ने ....चित्तोड़ के पत्थर पुनः जीवित हो उठे ....आपके इस प्रयास के लिए आपका आभार .
बहुत खुबसूरत लेखनी को मिले अनुठे स्वर
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