Friday, December 28, 2012

कवि‍ता पॉडकास्‍ट1


ब्‍लॉगर्स की कवि‍ताओं का पॉडकास्‍ट सीजी रेडि‍यो पर                                                                                  

संध्‍या शर्मा की कवि‍ताएं ललि‍त शर्मा के स्‍वर में    

कवि‍ता1 जीवन एक कि‍ताब,कवि‍ता 2 नि‍त जोत से जलती हूं,कवि‍ता 3 आखि‍री वक्‍त,कवि‍ता 4 रफता रफता            
link : sandhya sharma                                                                                       

  

शुभ्रा ठाकुर की कवि‍ता 'मौन' स्‍वयं के स्‍वर में





जय सिंह 'गगन' की कवि‍ता 'मेरा गांव' स्‍वर संज्ञा टंडन

9 comments:

Archana Chaoji said...

संध्या शर्मा जी को पढ़ा नहीं,लेकिन सुन लिया , बहुत अच्छा लगा...पर ललित जी द्वारा कविताओं के शीर्षक नहीं पढ़े गये...कविता वाचन के बाद अचानक कविता गायन थोड़ा अटपटा लगा.....
शुभ्रा जी और संज्ञा जी का अनुभव साफ़ झलकता है ...बहुत अच्छा लगा सुनना फ़िर से ...संज्ञा जी भी अगर कवि का नाम ले लेती तो और अच्छा होता ...

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

Archana ji - मै तो अनुभवहीन केजी क्लास का स्टुडेंट हूँ और संज्ञा जी अनुभवी पीएचडी। उत्साहवर्धन के लिए आभार

संध्या शर्मा said...

सीजी रेडियो की पूरी टीम का बहुत - बहुत शुक्रिया .....विशेष रूप से ललित जी का आभार हमारी रचनाओं को आवाज़ देने के लिए... नव वर्ष का अनमोल उपहार है, यह हमारे लिए... :)
शुभी जी की कविता उनकी आवाज़ में और जय सिंह 'गगन'जी की कवि‍ता संज्ञा टंडनजी के स्वर में बहुत अच्छी लगी.

संगीता पुरी said...

कुछ पढे कुछ अनपढे ..
बहुत सारी कविताएं सुनने को मिली !!

cgswar said...

धन्‍यवाद अर्चना जी, अभी तो इस फील्‍ड में हम भी नये हैं, इस तरह आप लोग हमें गलति‍यां बताएंगे तभी तो सुधार संभव है. अगली बार से शीर्षक और कवि‍ का नाम जरूर पढा जायेगा।

Gyan Darpan said...

वाह ! ललित जी को सुनकर भी मजा आ गया!

Alpana Verma said...


ललित जी को पहली बार सुना .
बहुत अच्छी श्रवणीय प्रस्तुति.आभार.

JAY SINGH"GAGAN" said...
This comment has been removed by the author.
JAY SINGH"GAGAN" said...

शब्द हीन हूँ दीदी........शायद यह बड़ी बहन द्वारा अपने छोटे भाई को नव वर्ष पर दिया गया सबसे हसीन तोहफा है ...........आजीवन स्मृति पटल पर कायम रहेगा.........तह-ए-दिल से शुक्रिया .

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