जन्म
प्राण कृष्ण सिकन्द 12 फ़रवरी 1920
मृत्यु 12 जुलाई 2013 (उम्र 93)
वो आवाज़ का जादू या गर्मी हो लहजे की, वो अन्दाज़ निराला हो या चमक हो चेहरे की।
हम किसको करेँ याद और किसको भुलाएँ, तुम्हेँ देखते हैँ जितना , उतना तुम्हेँ चाहेँ।
हर बात तुम्हारी यूँ औरोँ से है जुदा, जैसे फ़लक पे चाँद सितारोँ से है जुदा।
हैँ आज भी दुनिया मेँ फ़नकार बहुत अच्छे, आगे तुम्हारे लगते हैँ लेकिन सभी बच्चे।
आज बस जिस्म के चर्चे हैँ जान नहीँ है, सब कुछ है सिनेमा मेँ मगर 'प्राण' नहीँ है।
यूँ ही सदा हँसते रहो न तुम्हेँ हो कभी ग़म, है दुआ हमारे बीच रहो ऐसे ही तुम हर दम।
आयुष चिराग
प्राण पर फिल्माये गये गीत
1942 - खानदान - उड़ जा रे पंछी
1948 - गृहस्थी - तेरे नाज़ उठाने को जी चाहता है
1955 - मुनीमजी - दिल की उमंगें हैं जवां
1961 - जिस देष में गंगा बहती है - है आग हमारे सीने में
1962 - हाफ टिकट - आके सीधी लगी दिल पे तेरी कटरिया
1963 - दिल ही तो है - तुम किसी और को चाहोगी तो
1967 - उपकार - कसमे वादे प्या वफा सब
1969 - नन्हा फरिष्ता - बच्चे में है भगवान
1972 - विक्टोरिया नंगर 203 - दो बेचारे बिना सहारे
1972 - बेईमान - हम दो मस्त मलंग
1973 - ज़ंजीर - यारी है ईमान मेरा
1973 - धर्मा - राज की बात कह दूं तो
1973 - गद्दार - तू गद्दार सही
1974 - मजबूर - माइकल दारू पी के दंगा करता है
1974 - कसौटी - हम बोलेगा तो बोलोगे
1975 - जिंदादिल - शाम सुहानी आई खुषियां बनके
1975 - चोरी मेरा काम - मेरी नजर से बचा ना कोई
1976 - शंकर दादा - अमीरों वतन से गरीबी हटाओ
1981 - लेडीज टेलर - जा मेरी बहना
हम किसको करेँ याद और किसको भुलाएँ, तुम्हेँ देखते हैँ जितना , उतना तुम्हेँ चाहेँ।
हर बात तुम्हारी यूँ औरोँ से है जुदा, जैसे फ़लक पे चाँद सितारोँ से है जुदा।
हैँ आज भी दुनिया मेँ फ़नकार बहुत अच्छे, आगे तुम्हारे लगते हैँ लेकिन सभी बच्चे।
आज बस जिस्म के चर्चे हैँ जान नहीँ है, सब कुछ है सिनेमा मेँ मगर 'प्राण' नहीँ है।
यूँ ही सदा हँसते रहो न तुम्हेँ हो कभी ग़म, है दुआ हमारे बीच रहो ऐसे ही तुम हर दम।
आयुष चिराग
- 1973 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार - बेईमान
- 1970 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार - आँसू बन गये फूल
- 1968 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार - उपकार
अपने उर्वर अभिनय काल के दौरान उन्होंने 350 से अधिक फ़िल्मों में काम किया। उन्होंने खानदान (1942), पिलपिली साहेब (1954) और हलकू (1956) जैसी फ़िल्मों में मुख्य अभिनेता की भूमिका निभायी। उनका सर्वश्रेष्ठ अभिनय मधुमति (1958), जिस देश में गंगा बहती है (1960), उपकार (1967), शहीद (1965), आँसू बन गये फूल (1969), जॉनी मेरा नाम (1970), विक्टोरिया नम्बर २०३ (1972), बे-ईमान (1972), ज़ंजीर (1973), डॉन (1978) और दुनिया (1984) फ़िल्मों में माना जाता है।
प्राण ने अपने करियर के दौरान विभिन्न पुरस्कार और सम्मान अपने नाम किये। उन्होंने 1967, 1969 और 1972 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार और 1997 में फिल्मफेयर लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड जीता। उन्हें सन् 2000 में स्टारडस्ट द्वारा 'मिलेनियम के खलनायक' द्वारा पुरस्कृत किया गया। 2001 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया और भारतीय सिनेमा में य्प्गदान के लिए 2013 में दादा साहब फाल्के सम्मान से नवाजा गया। 2010 में, सीएनएन कीसर्वोपरी 25 सर्वकालिक एशियाई अभिनेताओं (Top 25 Asian actors of all time) की सूची में चुना गया।
12 फरवरी 1920 को दिल्ली में पैदा हुये प्राण ने सैकड़ों फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाई हैं. प्राण के पिता लाला केवल कृष्ण सिकंद एक सरकारी ठेकेदार थे, जो आम तौर पर सड़क और पुल का निर्माण करते थे. देहरादून के पास कलसी पुल उनका ही बनाया हुआ है. अपने काम के सिलसिले में इधर-उधर रहने वाले लाला केवल कृष्ण सिकंद के बेटे प्राण की शिक्षा कपूरथला, उन्नाव, मेरठ, देहरादून और रामपुर में हुई.
बतौर फोटोग्राफर लाहौर में अपना करियर शुरु करने वाले प्राण को 1940 में ‘यमला जट’ नामक फिल्म में पहली बार काम करने का अवसर मिला. उसके बाद तो प्राण ने फिर पलट कर नहीं देखा.
रविवार के अनुसार उन्होंने लगभग 400 फिल्मों में काम किया. एक तरफ उनके नाम ‘राम और श्याम’ के खलनायक की ऐसी तस्वीर रही है, जिससे लोगों ने परदे के बाहर भी घृणा शुरु कर दी थी, वहीं उनके नाम ‘उपकार’ के मंगल चाचा की भूमिका भी है, जिसे दर्शकों का बेइंतहा प्यार और सम्मान मिला. 1968 में उपकार, 1970 आँसू बन गये फूल और 1973 में प्राण को बेईमान फिल्म में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिये फिल्म फेयर अवार्ड दिया गया. इसके बाद मिले सम्मान और अवार्ड की संख्या सैकड़ों में है.
1945 में शुक्ला से विवाहित प्राण भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद बेटे अरविंद, सुनील और एक बेटी पिंकी के साथ मुंबई आ गये. आज की तारीख में उनके परिवार में 5 पोते-पोतियां और 2 पड़पोते भी शामिल हैं. खेलों के प्रति प्राण का प्रेम भी जगजाहिर है. 50 के दशक में उनकी अपनी फुटबॉल टीम ‘डायनॉमोस फुटबाल क्लब’ बहुचर्चित रहा है.
प्राण पर फिल्माये गये गीत
1942 - खानदान - उड़ जा रे पंछी
1948 - गृहस्थी - तेरे नाज़ उठाने को जी चाहता है
1955 - मुनीमजी - दिल की उमंगें हैं जवां
1961 - जिस देष में गंगा बहती है - है आग हमारे सीने में
1962 - हाफ टिकट - आके सीधी लगी दिल पे तेरी कटरिया
1963 - दिल ही तो है - तुम किसी और को चाहोगी तो
1967 - उपकार - कसमे वादे प्या वफा सब
1969 - नन्हा फरिष्ता - बच्चे में है भगवान
1972 - विक्टोरिया नंगर 203 - दो बेचारे बिना सहारे
1972 - बेईमान - हम दो मस्त मलंग
1973 - ज़ंजीर - यारी है ईमान मेरा
1973 - धर्मा - राज की बात कह दूं तो
1973 - गद्दार - तू गद्दार सही
1974 - मजबूर - माइकल दारू पी के दंगा करता है
1974 - कसौटी - हम बोलेगा तो बोलोगे
1975 - जिंदादिल - शाम सुहानी आई खुषियां बनके
1975 - चोरी मेरा काम - मेरी नजर से बचा ना कोई
1976 - शंकर दादा - अमीरों वतन से गरीबी हटाओ
1981 - लेडीज टेलर - जा मेरी बहना
9 comments:
great sangya ji
आपकी यह रचना कल रविवार (14 -07-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक
की गई है कृपया पधारें.
प्राण साहब के लिए इससे अच्छी श्रंद्धांजलि नहीं हो सकती। आपने कार्यक्रम में उनका पूरा जीवन वृत्त दिखा दिया।
nice post
श्रंद्धांजलि
इस महान कलाकार को विनम्र श्रद्धांजलि.....!!!
@ संजय भास्कर
विनम्र श्रद्धांजलि....
बहुत अच्छी प्रस्तुति...
प्राण साहब के बारे में विस्तृत जानकारी देती हुई पोस्ट. हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि...
NAMAN TO THE GREAT SOUL....WE R PROUD TO BE THE LOVER OF FILMS....WHERE THE GREAT LEGEND PLAYED MANY DIFFERENT ROLES IN ALMOST ALL FILMS SINCE 60 YRS...SPECIALLY HALAAKU, KHANDAN, UPAKAR, JIS DESH MEIN GANGA BEHATI HAI, JANJEER....ETC...MAY LORD BLESS N GIVE REST TO THE GREAT SOUL...
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