Wednesday, March 27, 2013

फागुन, बसन्‍त और होली- कुछ दुर्लभ रचनाएं

सीजी रेडि‍यो की ओर से सभी श्रोताओं को 

अंतरजाल पर फैली होली की हजारों पंक्‍ति‍यों में से 
हम छांटकर लाए हैं 
कुछ आपके लि‍ये 
और साथ में होली के कुछ दुर्लभ ऑडि‍यो अंश भी....

1 comments:

संध्या शर्मा said...

"मोरे कान्हा जो आए पलट के
अबके होरी मैं खेलूंगी डटके "
वाह...फागुनी संदेशे लेकर होली के रंग बिखेर गया रंगीला बसंत, बहुत ही सुन्दर मनभावन प्रस्तुति... संज्ञा जी आपके अथक परिश्रम का खूबसूरत परिणाम है यह प्यारी सी पोस्ट... होली की शुभकामनाओं सहित आभार

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