Wednesday, January 23, 2013

एक कलाकार - येशुदास

सधे स्‍वरों के साथ मि‍ठास लि‍ये एक 4 दशकों से दि‍लों में पहुंचती एक आवाज - येसुदास

                                                      
            प्रस्‍तुति - सुनील चि‍पड़े



४०.००० से भी अधिक गीतों को अपनी आवाज़ से  संवारने वाले 

गायकी के सम्राट येसुदास 


"एक जात, एक धर्म, एक ईश्वर" आदि नारायण गुरु के इस 

कथन को अपने जीवन मन्त्र मानने वाले 
येसुदास











              चार दशकों से उनकी आवाज़ का जादू श्रोताओं पर चलाने वाले 



गायक  
येसुदास



भाषा उनकी राह में कभी दीवार न 
बन सकी. 

गायि‍की के लि‍ये कुल 43 बार अलग अलग राज्‍यों से पुरस्‍कृत 

केरला में 23 बार, 

आन्‍ध्रप्रेश में 6 बार, 

                           कर्नाटक में 5 बार, 

                           तमि‍लनाडु में 8 बार, 

                           प.बंगाल में 1 बार



येसुदास प्रतिष्ठत पदमश्री और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित हुए।

और उन्हें ७ बार पार्श्व गायन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।

4 comments:

संध्या शर्मा said...

धीरे-धीरे सुबह हुई जाग उठी जिंदगी...सचमुच मिश्री सी मि‍ठास लि‍ये प्यारी सी आवाज के मालिक हैं येसुदासजी...सुन्दर प्रस्तुतिकरण के लिए बधाई

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

सुनील चिपड़े जी को सुंदर एवं मनमोहक प्रस्तुति के लिए आभार।

Unknown said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...

One of the nice work compilations on the legendary singer.. Congrats to Lalit Sharma and friends Regards- Bikash Kumar Sharma

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